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लेखनी कहानी -24-Sep-2022

  प्रेम की डोरी


प्रेम की डोरी सबसे नाजुक,

प्रेम है सबसे अनोखा बंधन ।

नफरत जिसको जीत ना पाई,

सब हार गया वो प्रेम पड़ कर ।।


प्रेम सदा ईश्वर को भाए,

प्रेम से ह्रदय को जीता जाए ।

नफरत की आंधियों से कह दो,

हमने प्रीत के है दीप जलाए ।।


प्रेम में डूबी मीराबाई को

जग की कुछ परवाह भी नाही ।

तोड़ के सारे जग के बंधन,

मोहन नागर को रही मनाई ।।



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6 Comments

Swati chourasia

25-Sep-2022 08:47 AM

बहुत खूब

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Raziya bano

24-Sep-2022 09:44 PM

शानदार

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Pratikhya Priyadarshini

24-Sep-2022 09:31 PM

Bhut khoob 🌺💐🙏

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